पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को भारत ने विफल किया

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India foils Pakistani drone attacks
India foils Pakistani drone attacks

भारत ने नाकाम किए पाकिस्तान के ड्रोन हमले, सीमा पर तनाव चरम पर

नई दिल्ली, 11 जून 2025: भारत ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर और पंजाब की सीमा पर शुरू किए गए ड्रोन हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया। भारतीय वायुसेना और रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) के उन्नत “प्रचंड” एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी ड्रोन्स को नष्ट कर दिया, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। यह घटना हाल के सीजफायर उल्लंघनों और पहलगाम आतंकी हमले (मई 2025) के बाद भारत-पाक तनाव की नवीनतम कड़ी है। रक्षा मंत्रालय ने इसे “पाकिस्तान का दुस्साहसपूर्ण कदम” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।

क्या हुआ हमले में?

10 जून 2025 की रात करीब 11:30 बजे, भारतीय रडार सिस्टम ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा सेक्टर में कई ड्रोन्स की गतिविधि दर्ज की। इसके तुरंत बाद, पंजाब के अमृतसर और गुरदासपुर में भी ड्रोन्स देखे गए। सूत्रों के अनुसार, ये ड्रोन हथियार और विस्फोटक ले जा रहे थे, जिनका लक्ष्य सैन्य ठिकाने और संवेदनशील नागरिक क्षेत्र थे। भारतीय वायुसेना ने तुरंत अलर्ट जारी किया और DRDO के प्रचंड सिस्टम ने 15 मिनट के भीतर सभी ड्रोन्स को मार गिराया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश शर्मा ने बताया, “हमारे सिस्टम ने 50 किमी की दूरी से ड्रोन्स को पकड़ा और बिना किसी देरी के उन्हें नष्ट किया। यह भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी श्रेष्ठता का सबूत है।”

पाकिस्तान की रणनीति और पृष्ठभूमि

पाकिस्तान का यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” का जवाब माना जा रहा है। मई 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 12 सैनिक शहीद हो गए थे, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने LOC के पार कई आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है।
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ड्रोन हमले पाकिस्तान की नई रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें वह पारंपरिक युद्ध के बजाय तकनीकी हमलों पर ध्यान दे रहा है। पाकिस्तान ने इन ड्रोन्स के लिए चीनी निर्मित DJI Mavic और अन्य उन्नत मॉडल का इस्तेमाल किया, जो हथियार ले जाने में सक्षम हैं।

भारत की जवाबी कार्रवाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार सुबह एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और NSA अजित डोभाल शामिल हुए। सिंह ने सेना को “मजबूत और दंडात्मक जवाब” देने का निर्देश दिया। सूत्रों के अनुसार, भारत LOC पर अतिरिक्त सैन्य बल और ड्रोन-रोधी सिस्टम तैनात कर रहा है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “पाकिस्तान की यह हरकत शांति के लिए खतरा है। हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर हर चुनौती का सामना करेंगे।”

जनता और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

हिंदी समाचार चैनलों, जैसे TV9 Hindi, और अखबारों, जैसे Navbharat Times, ने इस घटना को प्रमुखता से कवर किया। जनता ने भारत की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की, और सोशल मीडिया पर #IndiaStrikesBack जैसे हैशटैग चर्चा में रहे। दिल्ली के एक निवासी रवि शर्मा ने कहा, “हमारी सेना ने पाकिस्तान को सबक सिखाया। हमें अपनी तकनीक पर गर्व है।”
विपक्षी दलों ने भी सरकार का समर्थन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “सेना की कार्रवाई काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन सरकार को कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहिए।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ

अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की, जबकि चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत पर “आक्रामकता” का आरोप लगाया। संयुक्त राष्ट्र ने तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। रक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर अनिल कुमार ने कहा, “यह घटना वैश्विक शक्तियों के लिए चेतावनी है कि दक्षिण एशिया में तनाव बढ़ रहा है।”

तकनीकी पहलू और भविष्य

DRDO का प्रचंड सिस्टम AI और रडार तकनीक का मिश्रण है, जो ड्रोन्स को स्वचालित रूप से नष्ट करता है। इस घटना ने भारत की ड्रोन-रोधी तकनीक की श्रेष्ठता साबित की। भविष्य में भारत इस तकनीक को और उन्नत करेगा, जिसमें लेजर-आधारित सिस्टम शामिल हो सकते हैं।
पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमले क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्ध की नई शैली है, जिसमें तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है। भारत को अपनी साइबर और ड्रोन रक्षा प्रणाली को और मजबूत करना होगा।
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